Panchamrit Recipe in Hindi
पंचामृत एक आयुर्वेदिक पेय है जो दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बनाया जाता है। Panchamrit Recipe In Hindi को धार्मिक उपलक्ष्य में बनाया जाता है। यह एक अमृत माना जाता हैं। या एक पवित्र पेय है जो हिंदू पूजा में उपयोग किया जाता है। पंचामृत का अर्थ है "पांच द्रव्य"।
यह पांच तत्वों "पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश" का प्रतीक है। पंचामृत को सभी देवताओं के लिए भोजन माना जाता है और इसे पंचामृत प्रसाद के रूप में भी ग्रहण किया जाता है। Panchamrit Recipe In Hindi पंचामृत एक पारंपरिक और सांस्कृतिक भारतीय पेय है।
मनुष्य की रचना (Panchamrit) पांच तत्वों से मिलकर हुई है जो इस प्रकार हैं- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश इसके अलावा पांच ज्ञानेंद्रियां तथा पांच कर्मेंद्रियां भी उसमें समावेशित हैं इन सब में सर्वाधिक शक्तिशाली मन को माना गया है जिस की गति अत्याधिक तीव्र होती है मन की इच्छा चंचलता के कारण मात्र मनुष्य को ही नहीं अपितु देवताओं के साथ-साथ दैत्यों को भी दुःख झेलने पड़े थे।
इसी क्रम में मन के पांच विकार बताए गए हैं-
काम क्रोध लोभ मोह तथा अहंकार इन पांचों के कारण ही मनुष्य सदा ही दुख पाता है प्राचीन काल में भी ऋषि विश्वामित्र, ऋषि दुर्वासा तथा अन्य देवताओं को भी इन विकारों के हाथों पराजित होना पड़ा था कोई भी अनुष्ठान हो अथवा पूजा-अर्चना केवल तभी सफल होती है जब मन के इन विकारों से व्यक्ति मुक्त हो जाए और निर्मल मन से ईश्वर की आराधना करें मन को निर्मल करने के लिए प्रत्येक पूजा में Panchamrit का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
पंचामृत बनाने का समय 0 मिनट
पकाने का समय 0 मिनट
आपके पूजा स्थान में सदस्यों के अनुसार या आप अन्य लोगों को प्रसाद देना चाहें (फिर शादी सभी लोगों को देना चाहिए)।
पंचामृत (panchamrit) से भगवान के स्नान का मंत्र या श्लोक:
पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं।
पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ॥
Panchamrit बनाने की सामग्री (Ingredients)। Panchamrit Ki Saman/ Panchamrit ki Samangri
panchamrit) पंचामृत बनाने में मुख्य रूप से इन 5 वस्तुओं की आवश्यक्ता होती है-
- गाय का कच्चा दूध एक छोटी कप
- गाय का घी एक छोटी चम्मच
- दही एक छोटी कप
- शहद एक छोटी चम्मच
- शक्कर अथवा मिश्री को पीस कर पावडर बना लें। एक छोटी चम्मच स्वादानुसार
- गंगाजल एक छोटी चम्मच
- तुलसी के 5/6 पत्ती
- पंच मेवा – मखाने, काजू, छुआरे, गिरी तथा चिरौंजी (बारीक कटा हुआ)
Panchamrit Recipe in Hindi। Panchamrit Kaise Bnaye का Video
Panchamrit Recipe in Hindi। Panchamrit Kaise Bnaye। Panchamrit Recipe बनाने की विधि
- गाय का दूध डालें।
- दही लें और इसको मैश कर डालें।
- घी डालें।
- शहद डालें।
- शक्कर या मिश्री डालें।
- इसके बाद इसमें गंगाजल, तुलसी के पत्ते
- पंच मेवा – मखाने, काजू, छुआरे, गिरी तथा चिरौंजी को छोटा बारीक काट कर डालें।
- इन सभी को पंच तत्वों के साथ आपस में अच्छे से मिला ले। अब आप का Panchamrit Prasad बन कर तैयार हैं।
- अब आप अपने पूजा स्थल पर रखे और पूजा समाप्त होने के पश्चात सभी को Panchamrit Prasad वितरित करे।
Panchamrit Prasad के फायदे। Panchamrit Prasad के लाभ
पंचामृत एक आयुर्वेदिक पेय है जो दूध, दही, घी, शहद और चीनी और पंच मेवा से बनाया जाता है।
यह एक अमृत माना जाता है और कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ है।
पंचामृत के कुछ स्वास्थ्य लाभों में शामिल हैं
- यह एक समृद्ध पोषक तत्व का स्रोत है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।
- यह पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज को दूर करता है।
- यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है और शरीर को संक्रमण से बचाता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
- यह कैंसर को रोकता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है।
- यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
- यह बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
- यह वजन को कम करने में मदद करता है।
- यह तनाव और चिंता को कम करता है।
- यह शांति और समृद्धि का प्रतीक है।
- पंचामृत एक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक पेय है जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता हैं।
- आप इसे सुबह के नाश्ते के साथ या भोजन के बाद पी सकते हैं. आप इसे पूजा के दौरान भगवान को प्रसाद के रूप में भी अर्पित कर सकते हैं।
सुझाव
Panchamrit बनाते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें।
यदि आप पंचामृत पीने से पहले किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Frequently Asked Questions
Qus1. Panchamrit कैसे बनाएं? / पूजा के लिए Panchamrit कैसे बनाएं? / Ganesh ji की पूजा के लिए Panchamrit कैसे बनाएं? / शिवजी पर पंचामृत चढ़ाएं?
Ans इस लेख में मैंने Panchamrit Panchamrit Recipe in Hindi को विधिवत बनाना बताया है जिसे पढ़कर आप आसानी से अपने घर में Panchamrit Recipe बना सकते हैं।
Qus2. पंचामृत में 5 चीजें कौन कौन सी होती है?
Ans पंचामृत बनाने के लिए आसान और त्वरित इन 5 सामग्रियों से बना है: दूध, दही, चीनी, शहद और घी जो प्रसाद बनता है। पंचामृत प्रसाद को हम कृष्ण जन्मोत्सव भगवान सत्यनारायण की कथा और शिव जी की पूजा गणेश जी की पूजा और सभी पूजा में हम पंचामृत को शामिल करते हैं इससे सभी देवता खुश हो जाते हैं।
Qus3. पशुपति व्रत में पंचामृत कैसे बनाएं?
Ans एक चम्मच शहद, एक चम्मच मिश्री, एक चम्मच गाय का घर का बना दही और इसे आपस मे मिलाते है। उसके बाद गाय घी तथा गाय का चार चम्मच कच्चा दूध मिला लेते हैं। इस तरह आपका पंचामृत उपयोग के लिए तैयार हो जाता है। यह मात्रा एक व्यक्ति के हिसाब से बताई गई है।
Qus 4. पंचामृत में कितने तत्व होते हैं?
Ans पंचामृत के पांचों तत्व सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इन पांच चीजों से बने मिश्रण में कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा विटामिन जैसे तत्व होते हैं। ये सभी तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
Qus5. क्या शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ा सकते हैं?
Ans भोलेनाथ पर जल, दूध, घी, शहद, गन्ने का रस के साथ ही पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
Qus6. शिवजी को पंचामृत चढ़ाने से क्या होता है?
Ans माना जाता है कि सावन में महादेव को पंचामृत अर्पित करने से सारी मनोकामना पूरी होती है। इसलिए इस माह में भक्त भगवान शिव का अभिषेक पंचामृत से करते हैं।
Qus 7. पंचामृत कब खाना चाहिए?
Ans पंचामृत का सेवन सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है।
Qus8. इसे पंचामृत क्यों कहा जाता है?
Ans पंचामृत नाम संस्कृत से आया है, पंच, जिसका अर्थ है "पांच", और अमृत, जिसका अर्थ है "देवताओं का अमृत", और "अमर"। इस वैदिक पेय के पारंपरिक व्यंजनों में पांच सामग्रियां शामिल हैं: कच्चा दूध, शहद, चीनी, दही, घी (घर का बना), और दही (दही)।
Qus9. पंचामृत और चरणामृत में क्या अंतर है?
Ans इन दोनों पेय पदार्थ को ग्रहण करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक भावों की उत्पत्ति होती है। पंचामृत का मतलब पांच पवित्र खाद्य पदार्थ से मिलकर बना एक शुद्ध पेय।
वहीं चरणामृत भगवान विष्णु के चरणों के जल को कहते हैं। पंचामृत में गाय का दूध, गाय का घी, दही, शहद और शक्कर सभी को एक साथ मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है।
Qus10. पंडित लोग चरणामृत क्यों नहीं पीते हैं?
Ans चरण अमृत जल पीकर अपने सिर पर हाथ फिराने की आदत होती है जो गलत है क्योंकि पूजन के बाद प्रवाहित सकारात्मक ऊर्जा जो हमारे शरीर का आभा मँडल आकर्षित करने की कोशिश करता है बाधित हो जाता है व हम और भी अधिक नाकारात्मक विचारों की ओर प्रवेश कर सकते हैं।